Considerations To Know About Shiv chaisa
Considerations To Know About Shiv chaisa
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हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख shiv chalisa in hindi प्रभु आप निवारा॥
बृहस्पतिदेव की कथा
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
लिङ्गाष्टकम्